झुमरू

झुमरू

Rajesh Pathak

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<p>मैं हूँ बाबा झुमरू और आज एक भारी ज्ञान पेलता हूँ </p><p>जो गिरते हैं वही तो उठते हैं</p><p>वरना जो खड़े रहते हैं</p><p>वो बस गिलास पकड़ते हैं</p><p>ज़िंदगी नहीं</p>
<p>मैं हूँ बाबा झुमरू और आज एक भारी ज्ञान पेलता हूँ </p><p>जो गिरते हैं वही तो उठते हैं</p...Read More