कविता

कविता

Suraj vishwakarma

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<p>कभी सोचा था, शब्द बस शब्द होते हैं,</p><p> फिर जाना — ये ज़ख़्म भी सी सकते हैं।</p><p> एक दर्द, जो किसी को दिखता नहीं,</p><p> वो काग़ज़ पर बहकर बन जाता है <strong>कविता</strong>।</p><p>ये उन आँसुओं का आईना है,</p><p> जो चेहरा छूने से पहले ही सूख जाते हैं।</p><p> ये उन ख्वाबों की दस्तक है,</p><p> जो नींद टूटने पर भी दिल में रह जाते हैं।</p><p>हर पन्ने पर एक धड़कन लिखी होती है,</p><p> हर पंक्ति में कोई अनकही बात छुपी होती है।</p><p> और जब कोई पढ...Read More
<p>कभी सोचा था, शब्द बस शब्द होते हैं,</p><p> फिर जाना — ये ज़ख़्म भी सी सकते हैं।</p><p> ...Read More